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पीछे से आने वाले वाहनों (टेलगेटिंग) को कैसे संभाले? ये गलतियां भूलकर भी ना करें

Published On Nov 29, 2024 12:30 PMBy Dheeraj Nair

पीछे से आने वाली गाड़ियों को लेकर चिंतित हैं कि कही कोई एक्सीडेंट ना हो जाए ? यहां बताई गई टिप्स इससे बचने में आपकी मदद कर सकती है।

टेलगेटिंग

गोदामों से ग्राहकों तक भारी सामान पहुंचाने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए सेफ्टी सबसे अहम है। ढुलाई के काम के दौरान, ट्रक ड्राइवरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है जो उनके लोड और आस-पास की हर चीज़ के लिए खतरा बन सकती है। इनमें से एक बड़ी समस्या टेलगेटिंग है। 

टेलगेटिंग का मतलब जब पीछे से आने वाली गाडी/गाड़ियां ट्रक के बहुत करीब होकर चलते हैं। ऐसे में अगर ट्रक को अचानक रुकना पड़े तो पीछे वाली गाड़ी को समय पर रुकने का मौका नहीं मिलेगा, जिससे टक्कर होने का खतरा बना रहता है। सामान्य तौर पर, यदि कोई गाड़ी 80 किमी/घंटे की स्पीड से चल रही है तो उसे रुकने में लगभग 5 सेकंड्स तक का समय लगता है। इसका मतलब है कि टेलगेटिंग के दौरान टक्कर लगने का खतरा सबसे अधिक होता है। 

चलिए टेलगेटिंग के कॉन्सेप्ट को और बारीकी से समझते हैं ताकि ऐसी परिस्थितियों से निपटने का हल ढूंढा जा सकें।

Truck driver

ट्रक ड्राइवरों की नज़र से टेलगेटिंग की समस्या 

ट्रक ड्राइवर्स टेलगेटिंग की समस्या से अच्छे खासे परीचित है क्योंकि यह कई लोगो की जान को खतरे में डाल सकता है। जैसे हम चलते समय एक उचित दूरी बनाकर चलते हैं ताकि किसी चीज़ से टकराए ना, ठीक वैसे ही ट्रकों को भी दुर्घटना से बचने के लिए पर्याप्त जगह की जरूरत होती है। यदि किसी ट्रक को अचानक रुकना पड़े और पीछे वाली गाड़ी ट्रक के बेहद करीब है (टेलगेटिंग कर रही हो) तो टक्कर होने के खतरे कई गुना बढ़ जाते हैं।  

भारतीय ट्रक ड्राइवरों को अक्सर ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका तनाव बढ़ जाता है। ट्रक ड्राइवरों की माने तो चूंकि वो लम्बा सामान ढोते हैं, इसलिए अक्सर पेड़ों या बिजली के खंबों से टकराने से बचने के लिए बीच की लेन में चलते है। इससे पीछे चल रही गाड़ियों के ड्राइवर गुस्से में आकर बहुत करीब चलने लगते हैं। लेकिन ऐसे में वे भूल जाते हैं कि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। 

ऐसे में ट्रक ड्राइवर्स सबको यह संदेश देना चाहते हैं कि ट्रक के बहुत करीब चलना कोई समझदारी भरा काम नहीं है। ड्राइवर्स को ओवरटेक करने का सुरक्षित मौका आने तक धैर्य रखना चाहिए।

Truck tailgating

क्या होता है जब कोई गाड़ी टेलगेटिंग करती है?

एक्सीडेंट्स के कारणों में टेलगेटिंग सबसे आम समस्या है। क्रैश रिपोर्ट्स के अनुसार, टेलगेटिंग से लगी चोटों में रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क की गंभीर चोटें शामिल हैं। टेलगेटिंग के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं में पीछे की गाड़ी में बैठे लोगो की रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ सकता है, जिससे रीढ़ को नुकसान हो सकता है जिससे लकवा या मौत जैसे परिणाम हो सकते हैं। 

आइए करीब से जानें कि ऐसी चोटें कैसे लगती हैं:-

Truck tailgating

1. प्रतिक्रिया के लिए समय ना मिलना

गाड़ियों को रुकने में कुछ समय लगता है और ट्रक के पीछे चलने में हमेशा टक्कर का खतरा बना रहता है। यदि आपके आगे चल रही गाड़ी अचानक से रुक जाए तो शायद बचने के लिए पर्याप्त समय ना मिलें, जिससे टक्कर हो सकती है और गंभीर चोटे लग सकती है।  

2. दिखाई ना देने के कारण

टक्कर के प्राथमिक कारणों में से एक दृश्यता की कमी है। टेलगेटिंग के दौरान आपको यह पता नहीं होता कि आपके आगे चल रही गाड़ी/ट्रक किसी गड्डे, रुकावट या पैदल यात्री की वजह से कब रुक जाए, जिससे टक्कर का खतरा बना रहता है।

Truck tailgating handles

टेलगेटिंग से बचने के उपाय

1. दो कारों जितनी दूरी बनाए रखें 

अपने आगे चल रहे वाहन से दो कारों जितनी दूरी बनाए रखने से टेलगेटिंग के खतरों से बचा जा सकता है। इसका सीधा सा मतलब है कि यदि आपके आगे चल रही गाड़ी और आपके बीच यदि दो कारों जितनी दूरी है तो अप्रत्यक्ष स्थितियों में प्रतिक्रिया के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।  

2. धैर्य बनाए रखें

ड्राइविंग के दौरन हमेशा धैर्य रखें और दूसरों के साथ विनम्र रहें। भारी सामान ले जा रहे ट्रक जैसे धीमी गति से चलने वाले वाहनों पर अपना आपा ना खोए। जरुरी है आप शांत रहें और अपने आस-पास चल रही अन्य गाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

Tata Ace EV

3. अचानक ब्रेक लगाने से बचें 

यह खास तौर पर उन ट्रक ड्राइवरों के लिए है जो टेलगेटिंग करने वाले ड्राइवरों का सामना करते हैं। धैर्य बनाए रखें और पीछे की गाड़ी को रोकने के लिए अचानक ब्रेक न लगाए। ऐसा करने पर हो सकता है कि ट्रक का लोड आगे खिसक जाए जिससे केबिन को नुकसान हो सकता है। इससे दुर्घटनाएं और अनावश्यक समस्यांए भी हो सकती है। यातायात को सुचारु रखने के लिए, जब भी संभव हो, पीछे वाली गाड़ियों को ओवरटेक करने के लिए जगह दें। 

4. सावधानी से लेन बदलें

जैसा कि हमने पहले भी बताया, ट्रक चलाते समय हमेशा अन्य वाहनों को जगह दें। यदि कोई वाहन टेलगेटिंग करता है तो इंडिकेटर देते हुए सावधानीपूर्वक दूसरी लेन में शिफ्ट हो जाए। गाड़ियों को ओवरटेक करने से ना रोकें, खासकर जब भारी सामान लोड हो। सड़क पर सभी को सुरक्षा दें। 

5. गाड़ी को एक तरफ करें 

यदि आपके पीछे चल रहा वाहन लापरवाही बरतता है तो रोड के एक तरफ या ट्रक बे में हो जाए और उस वाहन को गुजरने दें। यदि ऐसा बार-बार हो तो अपने फ्लीट मैनेजर और यातायात अधिकारियों को इसकी सूचना दें। इससे लापरवाह ड्राइवर पर नज़र रखी जाएगी, अन्यथा हादसे हो सकते हैं।

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निष्कर्ष

टेलगेटिंग एक खतरनाक कृत्य है जिससे गंभीर एक्सीडेंट्स होने की संभावना बनी रहती है और यह मौत का कारण भी बन सकता है। इससे गंभीर चोटें और लकवा जैसी समस्याएं हो सकती है, जिसके इलाज के लिए लंबे समय तक फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए ऐसे हालातों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप धैर्य बनाए रखें और सुरक्षित ड्राइविंग करें।  

सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. टेलगेटिंग क्या है?

टेलगेटिंग ड्राइविंग का एक जोखिम भरा व्यवहार है जिसमें गाड़ी को सामने वाली गाड़ी के बहुत करीब होकर चलाया जाता है। 

2. टेलगेटिंग से कैसे बचें?

अपने सामने चल रहे वाहनों, खासकर ट्रकों से उचित दूरी बनाए रखें। यदि कोई वाहन टेलगेटिंग कर रहा है तो उसे जाने के लिए रास्ता दें।  

3. टेलगेटिंग का क्या कारण है?

बहुत ज्यादा ध्यान भटकाकर गाड़ी चलाना और शांत न रहना टेलगेटिंग का कारण बन सकते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि लेन बदलकर टेलगेट करने वाले को आगे निकलने दें। अगर पीछे की गाड़ी फिर भी आक्रामक तरीके से चले, तो इसकी जानकारी यातायात अधिकारियों को दें।

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