इन टिप्स के साथ शुरू करें अपना ओनर-ऑपरेटर ट्रकिंग बिज़नेस
Published On Nov 26, 2024 02:30 PM
क्या आप अपनी खुद की ट्रकिंग कंपनी शुरू करना चाहते हैं? यदि हां, तो यहां बताए गए सुझावों के साथ आप अपना ट्रकिंग बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
एक ट्रक ड्राइवर के रूप में किसी बड़ी लॉजिस्टिक कंपनी के लिए काम करने के रूप में आपको स्थिर नौकरी, आय और सवेतन छुट्टी जैसे लाभ मिलते हैं। लेकिन कभी ना कभी आपने अपना ट्रकिंग बिज़नेस शुरू करने के बारे में जरुर सोचा होगा। हालांकि, अपनी पक्की नौकरी छोड़कर एक नया बिज़नेस स्टार्ट करना आसान नहीं होता है। लेकिन ये एक ऐसा ऑप्शन है जो आपको आगे बढ़ने में मदद कर सकता है।
चूंकि ओनर-ऑपरेटर ट्रकिंग बिज़नेस में मालिक स्वयं ही अपने ट्रक का संचालन भी करता है, ऐसे में अपना ट्रकिंग बिज़नेस शुरू करने से पहले कई बातों पर विचार करना जरुरी है, क्योंकि अपनी जीवनभर की पूंजी लगाने के लिए आवश्यक है कि आप इस बात को समझे की कैसे इसे सफलतापूर्वक आगे बढ़ाना है। इस आर्टिकल में बताये गए टिप्स को फॉलो करें ताकि आपको एक सफल बिज़नेस खड़ा करने में मदद मिलें।
एक सफल ओनर-ऑपरेटर कैसे बनें?
भारत में एक सफल ओनर-ऑपरेटर ट्रकिंग बिज़नेस चलाने के लिए सबसे जरुरी है कि आप इस इंडस्ट्री को अच्छे से समझें और इसकी चुनौतियों को जानें। यहां हमने आपको सही निर्णय लेने में सक्षम बनाने और इन चुनौतियों पर काबू पाने में मदद करने के लिए कुछ सुझाव साझा किए है जो आपके काम आ सकते हैं: -
1. परिस्थितियों को समझें
अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों को देखकर ही खुद का बिज़नेस स्टार्ट करने का डिसिजन लें। किसी कंपनी के लिए ड्राइविंग करने के लिए आपको कुछ घंटों या दिनों तक काम के सिलसिले में अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है। और अपने खुद के बिज़नेस में ड्राइविंग के अलावा और अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी आती हैं। साथ ही, अपने बिज़नेस को मैनेज करने के लिए अत्यधिक वित्तीय बोझ सहने का ख़तरा हमेशा बना रहता है। इसलिए, ऐसी अनिश्चित और अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना ज़रूरी है, जिसके लिए आपको ज़्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, आपको बहीखाता रखने और नियमों का पालन करने जैसी ज़िम्मेदारियां भी उठानी होगी।
कुल मिलाकर, आपको एक नया ओनर-ऑपरेटर ट्रकिंग बिज़नेस शुरू करने से पहले अपने निजी जीवन को ध्यान में रखना होगा और अप्रत्याशित परिस्थितियों के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।
2. योजना बनाएं और अपने लक्ष्य निर्धारित करें
चूंकि ओनर-ऑपरेटर ट्रकिंग बिज़नेस इंडिपेंडेंट ट्रांसपोर्ट सर्विसेज प्रदान करता है, ऐसे में बिज़नेस स्टार्ट करने से पहले आपको एक विस्तृत योजना तैयार करनी होगी, जिसमें इस्तेमाल में होने वाले संसाधन, लंबे समय के लिए लक्ष्य निर्धारित करना, और अन्य जरुरी बातों को शामिल करना जरुरी है। साथ ही, एक ट्रिप प्लानिंग गाइड भी तैयार करें ताकि आपका बिज़नेस आसानी से मुनाफा कमा सकें।
अपनी बिज़नेस प्लानिंग में नीचे बताए गए इन बिंदुओं को जरूर शामिल करें: -
- कंपनी का परिचय
- कस्टमर्स को दी जाने वाली सर्विसेज
- टारगेट कस्टमर्स
- अपने बिज़नेस को अलग बनाने पर ज़ोर
- ट्रकिंग में आपका एक्सपीरियंस
- वित्तीय योजनाएं और अनुमान
एक बार बेसिक प्लान बनाने के बाद आपको यह निर्धारित करना होगा कि आप किस प्रकार के ट्रकिंग बिज़नेस में जाना चाहेंगे, जैसे ई-कॉमर्स ट्रांसपोर्ट, निर्माण सामग्री ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, एफएमसीजी उत्पादों, रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्ट, दवा उत्पादों, ऑटोमोबाइल और खतरनाक सामग्रियों का ट्रांसपोर्ट आदि।
कुल मिलाकर, आपको यह समझना होगा कि आप किस प्रकार के ट्रकिंग संबंधित कार्यों को करना चाहेंगे और उसके हिसाब से आपको किस प्रकार के ट्रक/ट्रकों की जरूरत होगी।
3. बजट को ध्यान में रखें
ट्रक खरीदने के लिए एक बड़े निवेश की आवश्यकता होती है। और इसके लिए बजट तय करते समय आपको कुल लागत पर विचार करना होगा जिसमें ट्रक की खरीद कीमत के अलावा फ्यूल चार्जेस, मेंटेनेंस कॉस्ट और इंश्योरेंस चार्जेस भी शामिल होते हैं। इसके अलावा, आपको यह भी तय करना होगा कि आपको कौन-सा ब्रांड चुनना है।
भारत में, टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, महिंद्रा, भारतबेंज और वीईसीवी (आयशर) प्रमुख ब्रांड हैं, जिनके अलग-अलग वजन और पेलोड क्षमता वाले मॉडल्स आते हैं। सामान्य तौर पर, भारत में हैवी-ड्यूटी ट्रकों की कीमत 30 लाख रुपये से लेकर 80 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) तक जाती है, जो उनके स्पेसिफिकेशन्स पर निर्भर करती है।
यहां स्पेसिफिकेशन से मतलब सिर्फ ट्रक के वजन और पेलोड क्षमता से नहीं है, बल्कि पॉवरट्रेन क्षमता और उनके प्रकार से भी है। उदाहरण के लिए, छोटे इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स की कीमत उनके डीजल समतुल्य वाहनों से ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनमे उपयोग में ली जाने वाली टेक्नोलॉजी और बैटरियों की कीमत ज्यादा है। लेकिन, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद लागत भले ही ज्यादा हो, उनकी मेंटेनेंस कॉस्ट कम होती है, जिससे कुल लागत खर्च कम हो जाता है।
इसके अलावा, ट्रकों की कीमत उनमे मिलने वाले अतिरिक्त फीचर्स जैसे एसी और सेफ्टी फीचर्स की वजह से भी बढ़ जाती है। बता दें कि भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 या उसके बाद निर्मित होने वाले सभी एन2 और एन3 श्रेणी के ट्रकों में एसी केबिन होना अनिवार्य कर दिया है। इसके कारण कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
कुल मिलाकर, नया ट्रकिंग बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे ड्राइवरों को नीचे बताए गए बुनियादी लागतें उठाने के लिए तैयार रहना होगा: -
- ट्रक खरीदने का खर्च
- बिज़नेस लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और परमिट कॉस्ट (उदाहरण के लिए, नेशनल परमिट के लिए लगभग 20,000 रुपये का खर्च आता है)
- इंश्योरेंस कॉस्ट (ड्राइवर और ट्रक के लिए हर साल लगभग 50,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक)
- मेंटेनेंस कॉस्ट (उदाहरण के लिए, टायर की कीमत 15,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये है)
- अतिरिक्त मटेरियल कॉस्ट (उदाहरण: तिरपाल, टूल्स, और स्ट्रैप्स जैसे सेफ्टी उपकरण)
- बिज़नेस लोन या ईएमआई
- ऑफिस के लिए जगह
- टोल टैक्स
4. कानूनी सलाह लें
बिज़नेस प्लानिंग और बजट सेट करने के बाद जरुरी है कि किसी कानूनी विशेषज्ञ से सलाह ली जाए। नेटवर्किंग भी आपके बिज़नेस को बढ़ाने और टारगेट को हासिल करने में मदद करती है। इसके अलावा, एक कमर्शियल बैंक एडवाइजर, ऑडिटर, और कानूनी सलाहकार आपके बिज़नेस को सही दिशा दिखाने में मदद कर सकते हैं।
प्रो नेटवर्किंग टिप: बिज़नेस में अच्छें कॉन्टेक्ट्स बनाए रखें ताकि आपको रिटर्न के लिए भी ट्रिप मिल सकें। क्योंकि एकतरफा ट्रिप मिलना आसान होता है, जबकि रिटर्न ट्रिप मिलना मुश्किल।
5. अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
अपने बिज़नेस को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरुरी है कि आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। इसके अलावा, ट्रकिंग बिज़नेस के ओनर और ऑपरेटर दोनों होने के नाते, आपके पास शायद छुट्टियाँ बिताने के लिए समय ना हो, इसलिए, आपका स्वस्थ रहना बेहद जरुरी है। चूंकि बिज़नेस आपका हर समय मांगता है इसलिए जरूरी है आप अपनी डाइट और मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।
अंतिम निष्कर्ष: क्या ये टिप्स आपके लिए मददगार हैं?
एक लॉजिस्टिक कंपनी में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले ड्राइवर से अपना खुद का बिज़नेस चलाना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ऐसे में आपके सामने कई चुनौतियां आएगी। इसलिए, हम आपको सलाह देते है कि आप अपने बिज़नेस को सही ढंग से चलाने के लिए यहां बताए गई इन टिप्स का पालन करें।
सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. एक ओनर-ऑपरेटर ट्रक बिज़नेस क्या होता है?
ओनर-ऑपरेटर ट्रक बिज़नेस में मालिक स्वंय अपने ट्रक का ड्राइवर भी होता है, जहां वह स्वतंत्र रूप से ट्रांसपोर्ट सर्विसेज प्रदान करता है और सभी व्यावसायिक जिम्मेदारियों को भी संभालता है।
2. क्या आप ट्रकिंग बिज़नेस में एक स्वतंत्र ठेकेदार बन सकते हैं?
हां, आप एक स्वतंत्र ठेकेदार बन सकते हैं। ऐसे ड्राइवर जो किसी कंपनी से किराये पर वाहन लेकर उसी कंपनी की अनुमति से काम करते हैं, उन्हें स्वतंत्र ठेकेदार कहा जाता है। स्वतंत्र ठेकेदार अपना खुद का बिज़नेस चलाने के बजाय किसी अन्य कंपनी के तहत काम कर सकते हैं।
3. ओनर-ऑपरेटर और स्वतंत्र ठेकेदार: दोनों में से क्या बेहतर है?
कंपनी के ऑपरेटर्स से अलग, ओनर-ऑपरेटर अपने बिज़नेस को चलाते समय अपने शेड्यूल, रास्तों और ढुलाई के सामान पर पूरी तरह से कंट्रोल रखते हैं। लेकिन, स्वतंत्र ठेकेदार या किसी कंपनी के लिए काम करने वाले ड्राइवर बिज़नेस की जिम्मेदारियां साझा करते हैं ताकि संचालन सही तरीके से हो सके।